संदेश

हिंदी दिवस

 सलवार सूट पर छोटी सी बिंदी पसंद है, "रीना"को अंगेजी से ज्यादा हिंदी पसंद है

नया साल

 सबकी आशाएं पूरी करना नये साल में, सभी  गम मिटाना नये साल में , काले बादल छट जाये जीवन से, * रीना * ख्याब पूरे हो सबके नये साल में।

बेक़रार

 ना पूछ दिल की हक़ीक़त मगर ये कहता है,  कि वो बेक़रार रहे जिसने  ' रीना ' को  बेक़रार किया है ।

बादल

 आखों में इंतज़ार के बादल बरस गये "रीना  "आपका चेहरा देखने को  तरस गये।

चाहत

 चाहते एक सी है हम दोनों की , फर्क सिर्फ इतना सा है , कि तुम कह देते हो , और "रीना" कह नहीं पाती ।

याद

 जिनके वादे थे हमें याद रखने के, वो खुश है अब "रीना" भूल जाने के बाद ।

जमाना

 जमाना बदले तो कुछ गम नहीं , मगर जो तू बदला तो ' रीना ' दुनिया बदल लेगी ।

तुम

 जो घट रहा है मुझमें वो मैं हूं , और जो बढ़ रहा है " रीना  " में वो तुम हो ।

अनजाने

 यह दिल ढूढता है तुमसे मिलने के बहाने, ना जाने क्यों " रीना "  अपने से लगने लगते हैं अनजाने ।

माँ

         "भजन" चलो माँ का बुलावा आया है , नवरात्रों का त्योहार आया है, माँ के हर इक मंदिर में , भक्तो ने मेला लगाया है । 1)  कोई माँ को चुनरी चढ़ाये,  कोई चूड़ियाँ और हार पहनाये, तो कोई माँ को भोग लगाये , हर इक भक्त ने घर में मंदिर सजाया है। 2) निसदिन माँ की जोत जलाओ, धूप, अगरबत्ती तुम सब जलाओ, माँ शेरावाली की आरती भी गाओ, भक्तो ने यह सबकुछ माँ से ही तो पाया है। 3) कुछ भक्त माँ के भजन कीर्तन कराये , कुछ वैष्णों देवी के दर शीश झुकाये, और कुछ दुर्गा स्तुति का पाठ सुनाये, " रीना " ने तो माँ को अपने रोम- रोम में समाया है ।         " रीना भूषण गुप्ता "