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आज फिर यह निगाहें तरस रही  हैं तेरे दीदार को, काश ! कुछ पलों के लिए पंख लग जाये , और उड़ के चली आये 'रीना' तेरे पास !!
महोब्बत मेरी भी बहुत असर करती है,  याद आयेंगे बहुत जरा भूल कर तो देखो ।
जब भी तुझे सुलझाना चाहा तू और उलझ गयी , ऐ जिंदगी तुझे समझने में पूरी जिंदगी गुजर गयी ।
रीना के दिल को अक्सर छू जाती है, तुम और तुम्हारी बातें ।
फ़िक्र करती हूँ आजकल तेरे बारे मे सोच कर , यू मुझ पर गौर करोगे तो मुझसे महोब्बत हो जाएगी ।
अजीब सी चाहत है इस दिल की भी,  ' रीना ' तुझे देख कर फिर , देखने को जी चाहता है
खुशबू तेरी यारी दी साणूं महका जांदी है, तेरी हर इक किती होयी गल साणूं बहका जांदी है, साह तां बहुत देर लगांदे ने आण जाण विच, हर साह तो पहले तेरी याद आ जांदी है।  
मुझे भी सिखा दो भूल जाने का हुन्नर...               मैं थक गई हूँ , हर लम्हा आपको याद करते करते!!
खुदा का शुक्र है कि ख्वाब बना दिए, वरना तुम्हें देखने की तो हसरत ही रह जाती ।
वक़्त ने दगा दे दिया या फिर तुम बदल गये, यह तो तुम ही जानते हो, मगर जब कभी 'रीना' बदल गई, तो तुम्हारा हशर क्या होगा यह तो हम ही जानते हैं  ।
बदल दिया है मुझे मेरे ही चाहने वाले ने, वरना  'रीना' में इतनी खामोशी कहाँ थी..!!

दरमियां

चंद लम्हे , कुछ शब्द और लम्बे फासले, ये ही बचा है, हमारे- तुम्हारे दरमियाँ।
सब कुछ है ' रीना ' की जिंदगी में  , फिर भी बहुत कुछ अधूरा है  तेरे बिना ।
उदास कर देती है हर रोज ये शाम मुझे, लगता है तू भूल रहा है मुझे धीरे-धीरे।
शौंक नहीं है मुझे अपने जज़्बातों को यूँ सरेआम लिखने का, मगर क्या करूँ , अब जरिया ही ये है तुझसे बात करने का।