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अच्छा ........... Kuch कुछ इस कदर अच्छा लगने लगा है तु हमको , कि अब तो अच्छे अच्छे भी भूलने लगे है  हमको   AACHA....... Kuch is kader aacha lagne laga hai tu hamko , Ki ab toh  Aache Aache bhi bhoolne lage hai hamko .
तुझ से नहीं तेरे वक्त से नाराज हू जो तुझे मेरे लिए कभी मिला ही नहीं । 
चाहत तो आज भी बहुत है उसके दिल मे ' रीना '  के लिए, बस इक वक़्त ही नही है उसके पास ।
रब के रंग भी कितने अजीब होते है , जो  दिल के करीब होते है वो नजरों से दूर होते है ।