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बादल

         " बादल " गिरा दे जितना पानी है तेरे पास , ऐ बादल यह प्यास उसके मिलने से बुझेगी, तेरे बरसने से नहीं।
तुम बेहद पसंद हो मुझे  , वजह नहीं मालूम "रीना" को।
" वजह " आखिर क्यों हो तुम "रीना" के दिल के इतने पास, इसकी कोई वजह तो है जी ।
"ख्वाहिश " तुझे सोचूॅ, तुझे देखूँ और सिर्फ तुझको ही चाहूँ, बस इतनी सी ख्वाहिश है "रीना "की और खता क्या।