संदेश

अज़नबी

        "   अजनबी " पूछने की मोहल्लत ही नही दी उसने, वो बदलता गया , हम अजनबी होते गये ।

वक्त

           " वक्त " जो तेरे बगैर काटा है वक़्त "रीना" ने उस वक़्त का तुम्हें कैसे हिसाब दूँ ।

वक्त

                " वक्त " तुझ से नहीं तेरे वक्त से नाराज हूँ जो तुझे "रीना" के  लिए कभी मिला ही नहीं ।

दीवाना

          " दीवाना " अजीब सा था वो दीवाना, जो मुझको बदल कर खुद भी बदल गया ।

मशहूर

       " मशहूर " अब तो तेरे शहर में इस कदर मशहूर हो गये हैं हम, हर शख्स पूछता है ' वो कौन है '।

लम्हा

                " लम्हा " इतनी गौर से आज फिर उसने  देखा मुझे,  कि गुजरा हुआ हर लम्हा याद आ गया "रीना" को ।

बादल

         " बादल " गिरा दे जितना पानी है तेरे पास , ऐ बादल यह प्यास उसके मिलने से बुझेगी, तेरे बरसने से नहीं।
तुम बेहद पसंद हो मुझे  , वजह नहीं मालूम "रीना" को।
" वजह " आखिर क्यों हो तुम "रीना" के दिल के इतने पास, इसकी कोई वजह तो है जी ।
"ख्वाहिश " तुझे सोचूॅ, तुझे देखूँ और सिर्फ तुझको ही चाहूँ, बस इतनी सी ख्वाहिश है "रीना "की और खता क्या।