संदेश

अक्तूबर, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
" खुशियाँ " आज ज़माने भर की खुशियाँ "न्याय " के नाम कर दूँ , अपनी उम्र तो क्या " रीना " अपनी जान भी आपके नाम कर  दूँ। "Khushiyan" Aaj zamane bhar ke khushiyan "Nyaya" ke naam kar du , Apni umer toh kya "Reena " apni Jaan bhi aapke naam kar du .

" बेइंतहा "

यूँ तो कहने को मुझसे बेइंतहा महोब्बत करते है वो , मगर बात अक्सर वो 'रीना'  से अपनी सहूलियत देख कर करते है । "Beintehan" yu toh kehne ko mujhse beintehan mahobat karte hai woh , Magar bat aksar woh "REENA " se apni sahuliyat dekh kar karte hai .
"उदास" उदास कर देती है हर रोज़ ये शाम मुझे, लगता है तू भूल रहा है ' रीना ' को धीरे-धीरे। "Udaas" Udaas kar deti hai har roj yeh shaam mujhe, lagta hai tu bhul raha hai, ' Reena' ko dheere dheere .
' हसरत ' लाख दूर हो तू मुझसे और मैं तुझसे सही , फिर भी 'रीना' को हसरत तेरी और तुझे चाहत मेरी । 'Hasrat ' Lakh dur ho tu mujhse aur mei tujhse sahi, phir bhi 'Reena' ko hasrat teri aur tujhse meri .
'मुलाकात' पिछले बरस यह तमन्ना थी, कि तुमसे मुलाकात करें हम , अब के बरस यह ख़ौफ़ है , कि तुम बिन मर ना जाये हम । 'Mulakaat ' pechle baras yeh tamana thi, ki tumse mulakaat kre hum, Ab ke baras yeh khoof hai , Ki tum bin mar na jaye hum .