" खामोशी " काश ! तुम मेरी खामोशी को पढ़ लेते , तो यूँ " रीना " को इस कदर शायरी ना लिखनी पढ़ती । "KHAMOSHI" Kash ! tum meri khamoshi ko padh letey, Toh yun "REENA" ko Is kader shayri na likhni padhti .
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दिसंबर, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं