लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप दिसंबर 28, 2018 " खामोशी " काश ! तुम मेरी खामोशी को पढ़ लेते , तो यूँ " रीना " को इस कदर शायरी ना लिखनी पढ़ती । "KHAMOSHI" Kash ! tum meri khamoshi ko padh letey, Toh yun "REENA" ko Is kader shayri na likhni padhti . लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप टिप्पणियाँ
JAN 2024 Shayari जनवरी 10, 2024 सजा देनी हमको भी आती है ओ बेखबर , पर तू तकलीफ से गुजरे बस यह "रीना" को गवारा नहीं। और पढ़ें
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